- दो बैचों के 70 प्रतिभागियों को मिले सर्टिफिकेट
- 6 देशों के एग्जीक्यूटिव बने आईआईएम इंदौर के एलुमनाई
संयुक्त अरब अमीरात और जीसीसी राष्ट्रों में जनरल मैनेजमेंट प्रोग्राम फॉर एग्जीक्यूटिव (जीएमपीई) के सातवें और आठवें बैच का समापन समारोह 11 नवंबर, 2022 को आईआईएम इंदौर में हुआ। समापन समारोह प्रो. हिमाँशु राय, निदेशक, आईआईएम इंदौर की उपस्थिति में आयोजित किया गया। इस अवसर पर 6 देशों के 70 प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र मिले। प्रो. सुबीन सुधीर, चेयर – एग्जीक्यूटिव एजुकेशन; प्रो. मनोज मोतियानी, प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर- जीएमपीई; तथा अनिसुमा ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट के संस्थापक निदेशक डॉ. महेश चोटरानी भी उपस्थित थे।
प्रो. हिमाँशु राय ने अपने संबोधन में स्नातकों को बहादुर बनने और अपने दिल की सुनने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि सफलता के लिए यही पहला कदम है। व्यक्ति को अपने आप में दृढ़ता विकसित करने की आवश्यकता है और ऐसा करने के लिए साहस का अभ्यास करना सबसे अच्छा तरीका है। 'अक्सर लोग मुझसे पूछते हैं कि साहसी कैसे बनें। मैं उन्हें साहस का अभ्यास करने की सलाह देता हूं। यदि आप कुछ करने की योजना बना रहे हैं, तो सुनिश्चित करें कि आप अपने डर को स्वयं पर हावी नहीं होने देंगे', उन्होंने कहा। जब भी आप असहाय या भयभीत या हारा हुआ महसूस करें, रुकें, पीछे मुड़ें - और अब तक जो कुछ भी हासिल किया है उसे देखें। 'आपको एहसास होगा कि आप पहले ही एक लंबा सफर तय कर चुके हैं, और इस तरह, एक बार फिर आगे बढ़ने का साहस जुटा लेंगे', उन्होंने समझाया। उन्होंने आगे प्रतिभागियों को अपने जुनून की पहचान करने, आत्मनिरीक्षण करने और अपने जीवन के उद्देश्य पर गौर करने के लिए प्रेरित किया। 'पता करें कि आपके अनुसार सफलता क्या है। आपकी सफलता की क्या परिभाषा है, क्योंकि यह समय-समय पर बदलती रहती है। अपने जीवन में मील के पत्थर और उपलब्धियों पर ही ध्यान केन्द्रित न करें, बल्कि अपनी सफलताओं के बीच की यात्रा पर भी गौर करें – यही जीवन है। वर्तमान में जिएं, हर पल का आनंद लें और जो आप कर रहे हैं उसके प्रति सचेत रहें', उन्होंने कहा। उन्होंने प्रतिभागियों को समभाव अपनाने और बुद्धिमान बनने की सलाह दी। 'अपनी सफलताओं से कभी भी अत्यधिक खुश न हों; और असफल होने पर निराश न हों। ये उतार-चढ़ाव हमारे जीवन का हिस्सा हैं, और हमें यह याद रखना चाहिए कि जो आज हमारे पास है वह अतीत में किसी और का था और भविष्य में किसी और का होगा’।
प्रो. सुबीन सुधीर और प्रो. मनोज मोतियानी ने भी स्नातक बैचों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इसी समापन के साथ संस्थान में और भी पूर्व छात्र जुड़ गए हैं। प्रतिभागियों को सीखने और अपने ज्ञान उपयोग करते रहने की सलाह देते हुए, उन्होंने सभी को अपने नेटवर्क को मजबूत करने और एक-दूसरे के संपर्क में रहने की भी सलाह दी। 'आईआईएम इंदौर में कार्यकारी पाठ्यक्रम विविध पृष्ठभूमि, शैक्षिक योग्यता, संस्कृतियों के लोगों को एक साथ आने, बातचीत करने और एक-दूसरे की संस्कृतियों को समझने के लिए एक मंच प्रदान करते हैं। सुनिश्चित करें कि आप इस कार्यक्रम के दौरान बनाए गए संबंधों को मजबूत करें', उन्होंने कहा।
डॉ. महेश चोटरानी ने भी सभी 70 प्रतिभागियों को कोर्स पूरा करने के लिए बधाई दी। उन्होंने उल्लेख किया कि संयुक्त अरब अमीरात और जीसीसी राष्ट्रों में आईआईएम इंदौर के पूर्व छात्रों की संख्या अब 600 से अधिक हो चुकी है। 'स्नातक बैचों में 6 देशों के प्रतिभागी हैं: यूएई, कतर, कुवैत, सऊदी अरब, मस्कट, मिस्र और बहरीन। आईआईएम इंदौर और अनिसुमा ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट हमारे अंतरराष्ट्रीय पूर्व छात्रों के आधार का विस्तार कर खुश हैं’, उन्होंने कहा।
कार्यक्रम का समापन प्रमाण पत्र वितरण समारोह के साथ हुआ, जिसमें स्नातक प्रतिभागियों ने प्रो. हिमाँशु राय से अपना पूर्णता प्रमाण पत्र प्राप्त किया।